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Monday, July 7, 2025

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हौसला बुलंद बदमाशों ने युवक को मारी गोली

चंदौली। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के हरिशंकरपुर मजार के पास गुरुवार की देर रात बाइक सवार हौसला बुलंद बदमाशों ने कार सवार युवक को गोली मार दी। बरसात के चलते सड़क के गड्ढों में जमा पानी का छींटा बाइक सवार युवकों पर पड़ गया। इसी बात पर बाइक सवार युवक नाराज हो गए और कार सवार युवक से भीड़ गए यही नहीं बात इतनी बढ़ी कि असलहे से फायर झोंक दिया और गोली कार सवार युवक के पैर में घुटने के पास लगी गई। इससे वह चीखने चिल्लाने लगा और घायलावस्था में उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया ।

सूचना मिलते ही मुगलसराय कोतवाल राजीव रंजन उपाध्याय और एसआई सुनील मिश्रा ने ट्रामा सेंटर पहुंचकर युवक से जानकारी प्राप्त की और बदमाशों की तलाश शुरु की।सतपोखरी निवासी 35 वर्षीय शहनवाज कार से अपनी ससुराल मवई जा रहा था । हरिशंकरपुर मजार के पास ओवरटेक के दौरान कार के पहिए से गड्ढे में जमा बरसात का पानी बाइक सवार दो युवकों पर पड़ गया। इसके बाद बाइक सवार युवक गाली – गलौच करने लगे और कार सवार भी उनसे उलझ गए।विवाद बढ़ने पर बाइक सवार युवकों में से एक ने असलहा निकाला और कार सवार के पैर में गोली मार दी।गोली लगते ही युवक वहीं झटपटाने लगा और आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। वहीं मौके पर पहुंचे परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर भर्ती कराया। कोतवाली प्रभारी राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि गोली युवक के पैर में लगी है। उससे पूछताछ के आधार पर आरोपितों की धर-पकड़ शुरु कर दी गई है और घायल युवक की बदमाशों से किसी को जान पहचान नहीं पाया है ।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने बच्चों में बांट दी एक्सपायरी डेट की दवा

चंदौली – शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने शुक्रवार को लापरवाही की हद ही कर दी। डायरिया से जूझ रहे मनकपड़ा गांव के बच्चों में एक्सपायर डेट की दवा बांट दी। ग्रामीणों की जानकारी हुई तो खलबली मच गई। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी भी गांव पहुंच गए और बांटी गई दवा वापस ली।

मनकपड़ा गांव में तीन दिन पूर्व डायरिया फैल गया। गांव के बच्चे एक.एक कर उल्टी दस्त से बीमार होने लगे। ग्रामीण बच्चों को लेकर सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने लगे। लेकिन डायरिया का स्वरूप बढ़ता ही जा रहा था। सूचना पर शुक्रवार को शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की टीम गांव पहुंच गई और एक- एक ग्रामीणों में ओआरएस पैकेट व मेट्रोजिल की दो सौ एमजी की टेबलेट व अन्य दवा बांटकर लौट आई। वहीं गांव के धीरेंद्र की नजर गोली के रेपर पर पड़ी तो वह अप्रैल 21 में ही एक्सपायर थी। बाबूलाल ने रेपर चेक किया कि उनके बच्चों को मिली दवा जून 21 में एक्सपायर हो गई थी।

ग्रामीणों की सूचना पर दोबारा चिकित्सकों की टीम गांव में पहुंची और पीड़ित परिवारों से दवा वापस ले ली गई। विभाग के खिलाफ ग्रामीणों ने नाराजगी जताई।

इस बाबत शहाबगंज पीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर हीरालाल सिंह ने कहा फार्मासिस्ट राघवेंद्र की की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है। हालांकि सभी से दवा वापस ले ली गई है। गांव में चिकित्सकों की टीम दोबारा पीड़ित परिवार के बीच जाकर बच्चों की जांच करेगी।

अगस्त क्रांति के नायक शिवमंगल यादव को दी श्रद्धांजलि


चंदौली। धानापुर क्षेत्र के पहाड़पुर गाँव में अगस्त क्रांति धानापुर थाना कांड के नायक रहे शिवमंगल यादव का शौर्य दिवस क्षेत्रीयजनों की ओर से मनाया गया। जहां श्रद्धांजली अर्पित कर गोष्ठी आयोजित कर याद किया गया। कहा कि जिनकी लाठी के तप से तत्कालीन अंग्रेजी दारोगा अनवारुल हक सदा सदा के लिए मौत की नींद सो गए। इस दौरान सपा नेता जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह ने तिरंगा फहराकर शिवमंगल यादव को माल्यार्पण कर कहा कि आजादी के लिए अपने प्राण गंवाने वाले अंगेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत करने वाले सभी स्वतंत्रता आंदोलनकारी पूर्वजों का हम भारत के सभी जाति धर्म के नागरिकों पर बहुत बड़ा कर्ज है। अगर आज हम सब एक झंडे के नीचे एक संविधान के तहत एक राष्ट्र में रह रहे हैं, सब इन्हीं महान आत्माओं अमर शहीदों की देन है। हम सबको दादा शिवमंगल यादव के कर्मों से सीख लेते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है। दादा और उनके सभी साथियों ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे अपने आजादी के लिए बगावत किया। हमें भी अपने हक अपने सम्मान की आजादी को लेकर आपसी भाईचारे सामाजिक सौहार्द राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए समाज में जाति धर्म के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने वाले सामाजिक भाईचारे राष्ट्रीय बंधुत्व का कत्ल करने वाले नफरतवादी ताकतों के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप में एकजुटता से बगावत करने की जरूरत है,ताकी अपना भारत सर्वदा मजबूत रहे अखंडित रहे। इस अवसर पर मुसाफिर यादव,सलगू यादव,बलवंत यादव, विजयी,उदय राय, पंचम यादव, लालचंद यादव, कविलाश यादव, रविंद्र यादव,सियाराम यादव, कैप्टन साहब सदानंद खरवार,सुंदर बिंद, राजनाथ गोंड़ उपस्थित रहे।

नम आंखों के साथ कर्बला में दफन हुए ताजियों के फूल

चंदौली। मुहर्रम के दसवीं पर आखिरी दिन जिले के अजादारों ने नम आंखों के साथ  ताजियो के फूल चुनकर करबला में दफन कर दिए। आशूरा का दिन मुहर्रम का सबसे खास दिन होता है। इसी दिन पैगंबर साहब के नवासे इमाम हुसैन करबला में शहीद हुए थे। नौहाख्वानी और सीनाजनी के बीच अज़ादारों ने देश की तरक्की और कोरोना से जल्द से जल्द निजात मिलने की दुआएं भी कीं। इस मौके पर मौलाना हामिद हुसैन ने सभी को इमाम हुसैन की शिक्षाओं पर चलने का संदेश दिया। उन्होने कहा कि मुहर्रम सिर्फ एक पर्व नहीं है। मुहर्रम बुराई पर अच्छाई की जीत औऱ बलिदान का प्रतीक है हमें हमेशा इमाम हुसैन की बातों पर अमल करने की कोशिश करनी चाहिए। करबला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों ने जालिम बादशाह यजीद के खिलाफ़ लड़ते हुए अपनी जान की कुरबानी दी थी। इसी कुरबानी के पर्व को मुहर्रम के नाम से जाना जाता है। नगर के अज़ाखाना-ए-रज़ा के प्रबंधक डा. एस.ए. मुजफ्फर ने कहा कि पिछली बार की तरह इस भी न केवल मुहर्रम बल्कि अन्य सभी धर्मों के प्रमुख त्यौहार कोविड की भेंट चढ़ गए। उम्मीद है कि अगली बार स्थितियां अनूकूल होंगी और सभी लोग एक साथ आपसी भाईचारे बीच अपने पर्व मना सकेंगे।

बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोले सतीश मिश्रा, कहा-भाजपा भी ब्राह्मणों का कर रही उत्पीड़न

बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोले सतीश मिश्रा, कहा-भाजपा भी ब्राह्मणों का कर रही उत्पीड़न

बलिया। मिशन 2022 में परचम लहराने को बेताब बसपा ब्राम्हणों को साधने में जुटी है. बलिया में शुक्रवार को प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी आयोजित की. बड़ी संख्या में जुटे ब्राह्मणों को मुख्य अतिथि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संदेश दिया कि उनका हितैषी बसपा ही है. उन्होंने सपा और भाजपा पर समान रूप से हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने में सपा की नकल कर रही है

उन्होंने अमर शहीद मंगल पांडेय को नमन करते हुए कहा कि बलिया क्रांति की धरती है. मुझे उम्मीद है कि यहां के लोग यूपी में ब्राह्मण और दलितों का उत्पीड़न करने वालों को सबक सिखाएंगे। ब्राह्मण समाज का कोई व्यक्ति मारा जाता है तो यह सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। इसलिए ऐसे लोगों को हटाकर मायावती को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाएं। इनका हिसाब मायावती ही ले सकती हैं।

उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी को मरवा दिया गया। क्योंकि वे ब्राह्मण समाज के लोगों की आवाज उठाते थे। किस तरीके से रायबरेली में पांच युवा ब्राह्मणों को मारा गया और जला दिया गया इस सरकार के मंत्री कहते हैं कि ये ब्राह्मण समाज के अपराधी हैं। इसके बाद गोरखपुर और लखनऊ में अधिवक्ता को मारा गया। बिकरू कांड में जिनका विकास दूबे से कोई लेना देना नहीं था, उन्हें भी मारा गया। कानपुर के मामले में आधा दर्जन ब्राह्मण मारे गए। सत्रह साल के लड़के को मार दिया गया। कहां कहां से उठाकर लाकर मारा गया। इस मामले में सौ ब्राह्मणों को नामजद किया गया। पचास से ज्यादा ब्राह्मण समाज के लोग जेल में हैं।

उन्होंने बिकरु कांड का उल्लेख करते हुए कहा कि कानपुर कांड में खुशी दूबे का क्या दोष था ? उठा ले गए। जेल में डाल दिया गया। लखनऊ से आदेश हुआ कि खुशी दूबे को पेरोल नहीं मिलना चाहिए। जबकि वह कोरोना से बीमार थी। उसकी बेल खारिज करा दी गई। यही नहीं लखनऊ में विनय तिवारी की गाड़ी रोक कर अधिकारी ने सीने में गोली मार दी गई। मिर्जापुर में ब्राह्मण समाज के नाबालिग बच्चों को मार दिया गया। सीबीआई जांच भी नहीं कराई गई। कहा कि पूरे यूपी में ये ब्राह्मण समाज पर हमलावर हैं।

ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा की सोलह प्रतिशत ब्राह्मण जिसे चाहेंगे उसी की सरकार बनेगी। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र ने ब्राह्मणों से न बंटने की अपील की। कहा कि यूपी में सोलह प्रतिशत ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण एक हों तो सरकार बना सकते हैं। सतीश मिश्र ने बसपा के 2007 से 2012 के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी की जगह जिसकी जितनी तैयारी, उतनी हिस्सेदारी के नारे पर मायावती ने बल देकर 2007 में सरकार बनाई थी। कहा कि बसपा के 23 प्रतिशत वोट के साथ 16 प्रतिशत ब्राह्मणों का वोट, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा को मिलाकर चालीस प्रतिशत से ऊपर वोट के साथ सरकार बनाई थी। जिसके बाद सरकार में सबको उसका हक दिया था.

कर्बला की दास्तान सुन छलछलायी लोगों की आंखे



चंदौली। मुहर्रम की नौंवी गुरुवार को जिले में देर रात तक चौक पर ताजिए बैठाए गए। इस दौरान शासन-प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग मातम, मर्सिया और नौहाख्वानी कर लोग इमाम हुसैन को याद किए। वहीं या अली-या हुसैन की सदाएं गुंज उठाई। अखाड़ेदारों ने भी अलम उठाने के साथ ही अपने कला कौशल का प्रदर्शन किया। शुक्रवार को ताजिए कर्बला में दफन किए जाएंगे। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ चक्रमण करते रहे।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शासन-प्रशासन की ओर से पिछले बार की तरफ इस बार भी मुर्हरम पर्व पर सार्वजनिक जगहों पर ताजिया रखने जुलूस निकालने की मनाही है। हालांकि चौक पर ताजिया बैठाने और 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। लेकिन इस दौरान कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत गुरुवार की शाम से जिले में कोविड नियमों का पालन करते हुए चौक पर ताजिए बैठाए गए। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। विभिन्न अंजुमन के लोगों ने मातम किया। वहीं नौहाख्वानी और मर्सिया पढ़कर इमाम हुसैन को याद किया। इस दौरान कर्बला की दास्तान सुनकर मौजूद लोगों की आंखे छलछला गई। उधर, अखाड़े के युवकों ने अलम उठाया और अपने कला कौशल का प्रदर्शन देर रात तक किया। इस बीच कई स्थानों पर झमाझम बारिश हुई। फिर भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। उधर जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था व आम जनमानस में सुरक्षा की भावना को बनाए रखने के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर प्रत्येक थाना क्षेत्र में पुलिस चक्रमण करती रही। वहीं कोरोना संक्रमण से बचाव एवं जारी दिशा निर्देशों के पालन करते हुए आपसी सौहार्द के साथ त्यौहार मनाने की अपील किया गया।

अजाखाना-ए-रजा में चल रही मजलिस का दौर खत्म
चंदौली। मुहम्मद साहब के नवासे इमाम-हुसैन ने करबला के मैदान में यजीद के साथ जंग कर संदेश दिया था कि सच और हक के लिए सिर कट जाए। लेकिन इंसान को झुकना नहीं चाहिए। आज दुनिया भर में तालिबान और उस जैसी कट्टरपंथी ताकतें इस्लाम को बदनाम करने में जुटी हुई हैं। इसलिए ऐसे समय में इमाम हुसैन की कुर्बानी व शक्षिाएं और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती हैं। तालिबान सिर्फ अफगानस्तिान के लिए खतरा नहीं है। बल्कि पूरी इंसानियत के लिए चुनौती और खतरे की घंटी है। यह बातें नगर स्थित डा. अब्दुल्ला मुजफ्फर के अजाखाना-ए-रजा में आखिरी मजलिस में मौलाना हामिद हुसैन ने कही।
उन्होंने कहा कि करबला इंसानियत के लिए एक सबक है। इस सबक को सभी सीखें और बुराई के खिलाफ पुरजोर तरीके से खड़े हों। मुसलमानों की ओर से हर साल मुहर्रम का त्यौहार गम के रूप में मनाया जाता है। मुहर्रम के शुरूआती दस दिनों में करबला के मैदान में यजीद नाम के जालिम बादशाह ने मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन को इसलिए बेरहमी से कत्ल कर दिया। क्योंकि उन्होंने यजीद की झूठी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करने से इंकार कर दिया। डा. एसए मुजफ्फर ने कहा कि अजाखाना-ए-रजा में हर साल चंदौली के अलावा आसपास के जिलों की अंजुमनें भी हिस्सा लेती रही हैं। लेकिन इस बार कोविड गाइडलाइन के चलते कार्यक्रम को सीमित रखा गया। मजलिस में इमाम हुसैन की कुर्बानी को खिराजे अकीदत पेश की गई। इस दौरान मायल चंदौलवी, ताबिश चंदौलवी, दानिश कानपुरी, शहंशाह मिर्जापुरी आदि मौजूद रहे।

कुश चौहान की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा

शहाबगंज। बीते पंचायत चुनाव में कुशडेहरा सिवान में युवक कुश चैहान हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को शहाबगंज पुलिस ने शुक्रवार को धर-दबोचा। गश्त के दौरान मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने हत्यारोपियों को बड़ौरा चैराहा नहर पुलिया के पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल के साथ हत्या के आरोपियों अवधेश चैहान उर्फ टीटी चैहान पुत्र राम प्यारे चैहान और बांसदेव चैहान चैहान को गिरफ्तार कर लिया।
बताते है। कि बीते 19 अप्रैल की रात कुश चैहान अपने घर से निकले, जिसका अगले दिन कुशडेहरा मौजा के सिवान में उसका शव बरामद हुआ था। मृतक के पिता राधे चैहान ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। लगभग चार महीने बाद शुक्रवार को पुलिस ने अभियुक्तों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि पंचायत चुनाव में अभियुक्त अवधेश चैहान की पत्नी संगीता सिंह प्रत्याशी थी और मृतक कुश चैहान भी शराब पीने के चक्कर में चुनार प्रचार में जुड़ा था। जब उसे दारू नहीं मिलता तो वह अवधेश चैहान के सामने ही वोटरों को भड़काने लगता था। यह सब सुनकर अभियुक्त को इतना नागवार गुजरा की आरोपी ने कुश को रास्ते से हटाने की योजना बनायी और 19 अप्रैल की रात में जब कुश चैहान आरोपी के घर आया तो टीटी चैहान ने अपने साथी बासुदेव चैहान के साथ मिलकर कुश को शराब पिलाने के बहाने मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गए और उसकी हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस टीम में थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार, .आनन्द कुमार प्रजापति, विजय बहादुर, शशिकान्त सरोज, जंगबहादुर यादव शामिल रहे।

मुहर्रम,पर शांति भंग करने वालो को बक्शा नही जायेगा। लक्ष्मण पर्वत

सैयदराजा।आगामी त्यौहार मोहर्रम को देखते हुए सैयदराजा  निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने  शुक्रवार को भारी पुलिस बल के साथ सैयदराजा चौराहे से लेकर विभिन्न क्षेत्रों। में पैदल गस्त किया और बाजार में जो गाड़ियां रास्ते मे इधर का उधर खड़ी किये थे उन सभी गाड़ियों को हटवाया और रास्ते में गाड़ी न खड़े करने के निर्देश दिए । इस दौरान उन्होंने  सैयदराजा कस्बे के लोगों से मिलकर कहा कि मोहर्रम पर्व को आपसी सौहार्द और भाई चारे के साथ मिल कर मनाएं कोई भी जुलूस और ताजिया नहीं निकालेगा और ना ही कोई शस्त्र का प्रदर्शन करेगा सभी लोग अपने घर पर ही मुहर्रम पर्व को मनाए  उन्होंने  अपील किया।अगर किसी ने भी शांति भंग करने की कोशिश की तो उसे बक्शा नही जायेगा।

गड्ढ़ामुक्त दावे को झुठला रही गड्ढायुक्त सड़कें


पब्लिक बोली, नेताओं व अफसरों को अपने कमीशन की फिक्र
चंदौली। यह तस्वीर गड्ढ़ामुक्त दावे करने वाली प्रदेश सरकार की वास्तविकता की तस्वीर है। मवैया गांव के पास का यह दृश्य चकिया-मुगलसराय मुख्य मार्ग का है, जो सड़कों की स्थिति को बयां करती है। साथ ही उन तमाम सरकारी दावों की पोल खोलती है जो सरकारी बैठकों व राजनीतिक मंच से किए जाते हैं। खैर! परेशान हाल जनता है। नेता या अफसरों का क्या? वह लग्जरी कारों से आते हैं और गुजर जाते हैं, दुश्वारियां तो उन स्थानीय आवाम को उठानी पड़ती है जो उस रास्ते से नियमित साइकिल, पैदल या बाइक से आवागमन करते हैं।
हालात-सूरत यह है कि कभी कोई बाइक वाला बारिश के पानी से भरे गड्ढे की गहराई व चैड़ाई का अनुमान नहीं लगा पाता है और उसकी जद में आकर गंदे पानी से सराबोर हो जाता है। वाहन की क्षति के साथ ही उसे शारीरिक चोट की पीड़ा को झेलना पड़ता है। पैदल राहगीर अक्सर कीचड़ व गंदे पानी के छिटे पड़ने से आए दिन जलालत झेलते हैं। कमोवेश ऐसी स्थिति जनपद के अधिकांश मुख्य रास्तों की है जो गड्ढों की शक्ल अख्तियार कर चुके हैं। इतना ही नहीं बारिश के मौसम में ये सड़कें लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो रही है। हाल ही धानापुर इलाके में सड़क पर गड्ढों से बचने के प्रयास से हुए हादसे में बाइक सवार को जान तक गंवानी पड़ गयी थी। इसी तरह लोगों के चोटिल होने की घटनाएं आम हो गयी है। बावजूद इसके न तो लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अफसर इसे संज्ञान ले रहे हैं और ना ही सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि ही इसे गंभीरता से लेते हैं।


क्या है जनता का आरोप
चंदौली। सड़कों की मरम्मत व रखरखाव के बाबत जब लोगों से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण को लेकर प्रशासनिक तंत्र व नेताओं का रवैया कभी ठीक नहीं रहा है। जो भी नेता सत्ता में रहता है उसे सड़क की गुणवत्ता व लोगों की सुविधा से ज्यादा अपने कमीशन की फिक्र होती है। विभागीय अफसर बिना कमीशन लिए कोई टेंडर पास नहीं करते, जिसका सीधा असर सड़कों की गुणवत्ता पर पड़ता है जो सड़कें पांच साल में खराब होनी चाहिए, वह पांच माह में ही दम तोड़ने लगती है। इसके लेकर एक बड़े जन आंदोलन की जरूरत है, ताकि लोगों को जन-धन दोनों हानि से बचाया जा सके।

अभावः आज भी चुआड़ के सहारे बुझ रही वनवासियों की प्यास!


चुआड़ से पीने का पानी जमा करते वनवासी बच्चे।


आजादी के 75 साल बाद भी कई गांवों तक नहीं पहुंचा विकास
नौगढ़। विकास का ढिढोरा खूब पीटा जा रहा है और इस पर अब तक सभी सरकारें लाखों-करोड़ों रुपये खर्च भी करती चली आ रही है। बावजूद इसके आज भी नौगढ़ की पहाड़ी में बसे कई गांव ऐसे हैं जहां विकास की किरण नहीं पहुंची। नतीजा वहां की गरीब व असशक्त आबादी आज भी अभाव व पिछड़ेपन के अंधेरे से निकलने के लिए जद्दोजहद है। यहां न तो बिजली है और ना ही पानी का ही मुकम्मल बंदोबस्त है। नतीजा चुआड़ के सहारे हजारों की प्यास बुझ रही है। अब पानी गुणकारी हो या मटमैला, लेकिन उसे पीना इन ग्रामीणों की नियती बन गयी है। कुछ ऐसा ही हाल नौगढ़ की पहाड़ी वादियों का है।
यहां आजादी के 75 वर्ष बाद भी चकरघट्टा क्षेत्र के सेमर साधोपुर समेत दर्जन भर गांव ऐसे है जहां ग्रामीणों को बरसात के दिनों मे नौगढ बांध में जलस्तर बढ़ने आवागमन के सभी माध्यम ध्वस्त हो जाते हैं। इसके अलावा पेयजल के संसाधनों का अभाव भी बरसात में ग्रामीणों को झेलनी पड़नी है। पहाड़ों से रिस कर जगह-जगह जमा चुआड़ का पानी ही इन ग्रामीणों के पेयजल का एकमात्र साधन है, जिससे इन ग्रामीणों की प्यास बुझती है। ग्रामीण बताते हैं कि जलस्तर नीचे होने व आयरन की प्रचुरता के कारण गांव में लगे हैण्डपम्प शो पीस बनकर सरकारी आंकड़ों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। यही हाल कर्मनाशा नदी के तटवर्ती ईलाके मे आबाद रिहायशी बस्ती जरहर, मुसहर बस्ती दानोगड़ा, कौआ घाट, बूड़नवा घाट, खोझड़ो, कोठी घाट, चिरवाटांड़, धोबहीं आदि जगहों का है, जहां पर लोग नियमित कर्मनाशा नदी का पानी उपयोग में लाकर के पेट संबंधित विभिन्न बीमारियों के आगोश में रहते हैं। इसके इतर सरकारी दावे व प्रशासनिक आंकड़ों पर गौर फरमाए तो नौगढ़ पिछड़ेपन को दूर करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बावजूद इसके इन ग्रामीण इलाकों का पिछड़ापन दूर नहीं हो सका। ऐसे में आज भी लोगों की दिनचर्या दुश्वारियों के साथ शुरू होती है और मूलभूत सुविधाएं हासिल करने के जद्दोजहद के साथ ढल जाती है। इन्हें ग्रामीणों को आज भी विकास की किरण का इंतजार है, ताकि इनके जीवन से भी पिछड़ेपन का अंधेरा दूर हो सके।

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