चंदौली। विद्यालय विद्या का मंदिर कहा गया है, लेकिन चंदौली के परिषदीय विद्यालयों में इन दिनों गुरुजन विद्या का आदान-प्रदान करने की बजाय बच्चों से बालश्रम करा रहे हैं। जी हां! इस बात की तसदीक सोशल मीडिया पर वायरल रहा है। वीडियो शहाबगंज ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भुड़कुड़ा का बताया जा रहा है, जिसमें बच्चियां स्कूली ड्रेस में आलू व टमाटर काटती नजर आ रही है। वीडियो में मैडम के कहने पर सब्जी काटने की बात कह रही है।
हालांकि बच्चियां वीडियो में हंसते हुए नजर आ रही है, क्योंकि उन्हें बालश्रम कानून व उनके अधिकार की जानकारी नहीं है। लेकिन जिन शिक्षकों द्वारा ऐसा करने के लिए उन बच्चियों से कहा गया है वह बालश्रम कानून व उसके प्रभाव को भली-भांति जानते व समझते हैं। बावजूद इसके इनके द्वारा बच्चों से विद्यालय में बालश्रम कराया जा रहा है। यह वीडियो मात्र एक नजीर है। जनपद के तमाम ऐसे विद्यालय है जहां बच्चे-बच्चियों से झाड़ू लगवाने, बर्तन साफ कराने जैसे काम आज भी कराए जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर कान में तेल डाले बैठे है। इस प्रकरण को बेसिक शिक्षा विभाग कितनी संजीदगी से लेता है यह तो विभागीय कार्यवाही से पता चल जाएगा, लेकिन इतना कहा जा सकता है कि परिषदीय विद्यालयों में तैनात गुरुजनों के ऐसे कृत्य व कार्यों से ही अभिभावकों का सरकारी विद्यालयों से मोहभंग होता जा रहा है, जिससे नामांकन का प्रतिशत तेजी से घट रहा है। यदि सरकार को लोगों का भरोसा जितना है तो ऐसे कृत्य करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाए, तभी बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विद्यालयों में शिक्षा का गिरता हुआ स्तर बेहतर होगा।
इस वीडियो की यंग राइटर पुष्टि नहीं करता है। यह तो विभागीय जांच में वीडियो में मौजूद बच्चियों के पहचान के बाद ही पुष्ट हो पाएगा कि वीडियो कहा का है?